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NASHA MUKTI KENDRA,DE-ADDICTION
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नशा क्या है-
मानसिक स्थिति को बदल देनेवाले रसायन, जो किसी को नींद या नशे की हालत में ला दे, उन्हें नारकॉटिक्स या ड्रग्स कहा जाता है। मॉर्फिन, कोडेन, मेथाडोन, फेंटाइनाइल आदि इस कैटिगरी में आते हैं। नारकॉटिक्स पाउडर, टैब्लेट और इंजेक्शन के रूप में आते हैं। ये दिमाग और आसपास के टिशू को उत्तेजित करते हैं। डॉक्टर कुछ नारकॉटिक्स का इस्तेमाल किसी मरीज को दर्द से राहत दिलाने के लिए करते हैं। लेकिन कुछ लोग इसे मजे के लिए इस्तेमाल करते हैं, जो लत का रूप ले लेता है। नशा करने के लिए लोग आमतौर पर शुरुआत में कफ सिरप और भांग आदि का इस्तेमाल करते हैं और धीरे-धीरे चरस, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर आदि लेने लगते हैं। contact number 9109827765
मेरे विचार में कोई भी चीज जिसकी शरीर को जरूरत महसूस होती है और जिससे शरीर को तकलीफ महसूस हो, उसे नशा कहते हैं। पारंपरिक नशे : अफीम, भुक्की, शराब, सुल्फा। सिंथेटिक ड्रग्स : स्मैक, हेरोइन, आइस। मेडिकल नशा : मोमोटिल, कैरीसोमा, पारवनस्पास, कफ सीरपस। अन कॉमन नशे : आयोडेक्स, छिपकली की पूंछ। स्नफिरस : लिक्विड व्हाइट फ्लूड, पेट्रोल सूंघना, पंक्चर सेल्यूशन को सूंघना। नशे का प्रतिशत : पंजाब में 30-45 प्रतिशत एडिक्ट, स्टूडेंट लाइफ के दौरान 75 प्रतिशत स्टूडेंट्स किसी न किसी तरह का नशे इस्तेमाल करते हैं यदि 20 प्रतिशत आदी रहते हैं तो बेहद खतरनाक भविष्य है। नशा खाने के बाद क्या आंखें लाल, जबान तुतलाना, पसीना, गुस्सैल या अतिरिक्त खुशी, पैर लड़खड़ाना तकलीफ के लक्षण शरीर टूटना, नींद-भूख कम होना। घबराहट होना, उबासी आना, लूज मोशन, दौरे पड़ना। क्या बदलाव नशेड़ी में पैसों की बढ़ती मांग, पुराने दोस्त छोड़ कर नए दोस्त बनाना, अकेला रहने की कोशिश करना, घर में नई किस्म की दवाएं या खाली इंजेक्शन मिलना। क्या करें बच्चों के मां-बाप की बजाए दोस्त बनें। नशों के बारे में सही जानकारी दें। बच्चों की रुचि व क्षमता के मुताबिक पढ़ाई कराएं। घर आने-जाने वालों, दोस्तों, शौक व दिलचस्पी का ध्यान रखें। contact number 9109827765
नशा का कारण - सबसे पहले हम यह जाने कि नशाखोरी के कारण क्या हैं? लोग मजा पाने के लिए नशा करते हैं। दरअसल नशा चीज ही ऐसी है कि जो खून में जाते ही आदमी को खुशी और स्फूर्ति का एहसास कराती है। कुछ लोग अपने दोस्तों के दबाव में आकर नशा करने लगते हैं। तीसरा कारण है सुलभता। पहले जिस शराब की बोतल खरीदने के लिए लोगों को दूर जाना पड़ता था, अब वह आसानी से मिल जाती है। जगह-जगह ठेके खुले हैं। चौथा कारण है तनाव, जिसके कारण इंसान नशा करता है। बहुत सी संस्थाए नशे की रोकथाम के लिए बहुत से प्रयत्न कर रही है। परंतु अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे। कुछ समय के लिए तो व्यक्ति शराब छोड़ देता है, परंतु बाद में फिर शुरू हो जाता है। अगर व्यक्ति सच में बदलना चाहता है तो उसे जरूरत है भीतर से जागरूक होने की क्योंकि सबसे बड़ी बात है मन पर काबू पाना और वह केवल ब्रह्मज्ञान से ही हो सकता है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में ऐसे अनेकों लोग हैं जिन्होंने इस ज्ञान को प्राप्त किया और आज नशे के चुंगल से बिल्कुल छूट चुके हैं और साथ ही बढिय़ा जीवन व्यतीत कर रहे हैं contact number 9109827765
आमतौर पर समाज में यह धारणा है कि नशा करना मर्दों की फितरत है. समाज में पुरुषों को ही नशा करने का अधिकार है. अगर महिलाएं इस तरह की करतूत करती हैं तो उन्हें कुल विरोधी या कुल का नाश करने वाला माना जाता है. लेकिन बदलते समाज के साथ-साथ लोगों की सोच बदली है. आज महिलाएं पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं. वह किसी भी क्षेत्र में अपने आप को कम नहीं आंकतीं. अगर पुरुष धूम्रपान करता है तो वहां भी वह अपने आप को बीस साबित कर रही हैं. लेकिन एक नए शोध से पता चला है कि आज की तारीख में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की मौत के आसार बढ़ रहे हैं. आज अगर कोई सिगरेट पीता है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष तो उसकी इस हरकत को हाई स्टेटस के साथ जोड़कर देखा जाता है. पुरुषों की तरह महिलाएं भी कम उम्र में सिगरेट पीना शुरू कर देती हैं. कहीं-कहीं तो यह भी देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बहुत ही ज्यादा सिगरेट पीती हैं. उनकी यही आदत स्वास्थ्य को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है. इन्हीं आदतों की वजह उनमें फेफड़ों के कैंसर का रिस्क बढ़ गया है.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में छपे शोध के मुताबिक धूम्रपान के कारण अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी बड़ी संख्या में मर रही हैं. सिगरेट का अधिक सेवन करने से वर्ष 2000 से 2010 के बीच धूम्रपान करने वाली महिलाओं में लंग कैंसर से मौत की आशंका सामान्य लोगों के मुकाबले 25 गुना हो गई थी. शोध में अमरीका की 20 लाख से ज्यादा महिलाओं से इकट्ठा किए डेटा पर नजर डाली गई है contact number 9109827765
वैसे समाज का कोई भी वर्ग हो किसी भी तरह का धूम्रपान उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. जागरुकता अभियान के तहत लोगों को यह संदेश दिए जाते हैं कि शराब, गांजा और भांग सहित हर प्रकार के मादक द्रव्यों का सेवन आपके जीवन में तबाही लेकर आता है. खासतौर पर सिगरेट को लेकर किसी भी तरह के विज्ञापन न दिखाए जाने की हिदायत दी जाती है. यह शोध भले ही नशे के आदी हो चुके लोगों को प्रभावित न कर पाए लेकिन वह लोग जरूर सावधान हो जाएं जो अकसर सिगरेट को शौकिया तौर पर पीते हैं. contact number 9109827765
नशा एक अभिशाप- नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है । नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है । नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है । वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है । नशा अब एक अन्तराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है । दुर्व्यसन से आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग और विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है । इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पा लेने में ही मानव समाज की भलाई है । जो इसके चंगुल में फंस गया वह स्वयं तो बर्बाद होता ही है इसके साथ ही साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है । आज कल अक्सर ये देखा जा रहा है कि युवा वर्ग इसकी चपेट में दिनों-दिन आ रहा है वह तरह-तरह के नशे जैसे- तम्बाकू, गुटखा, बीडी, सिगरेट और शराब के चंगुल में फंसती जा रही है । जिसके कारण उनका कैरियर चौपट हो रहा है । दुर्भाग्य है कि आजकल नौजवान शराब और धूम्रपान को फैशन और शौक के चक्कर में अपना लेते हैं । इन सभी मादक प्रदार्थों के सेवन का प्रचलन किसी भी स्थिति में किसी भी सभ्य समाज के लिए वर्जनीय होना चाहिए ।
Nice work
जवाब देंहटाएंNice blog very useful information
जवाब देंहटाएंThanks for sharing...
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जवाब देंहटाएंThanks for Sharing...
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